Twilight Of Poem

मैं तुम्हें बेवफ़ा नहीं कह सक | रिदीप डेका | हिंदी रोमांटिक कविता | Twilight Of Poem


मैं तुम्हें बेवफ़ा नहीं कह  सकता | Twilight Of Poem

मैं तुम्हें बेवफ़ा नहीं कह  सकता!

-रिदीप डेका

मेरा प्यार छोड़ के तुम किसी और की हो गयी
पर तुम्हें मैं अपने दिल से निकाल नही सकता ,
हो सके तो माफ़ करना मुझे
पर तुम्हें मैं बेवफा नहीं कह सकता।

याद है वो दिन ,जिस दिन गुस्से मे
मैंने तुम्हें characterless बोल दिया था,
पर तुमने मुझे क्यों कुछ नहीं कहा
जब कि सवाल तुम्हारे self respect का था।

यार मैने तो बहुत कि थी गलतिया
हर बार तुम क्यों चुप रहा करती थी ,
मुझे भी दो चार गाली दे दी होती
पर कॉल mute पे रखके हर बार क्यों तुम रोया करती थी.

तुम अपनी care करो ना करो
मेरी care जरूर करती थी,
सर दर्द प्रॉब्लम था मेरा
फिर तुम क्यों रोती थी.

आज तुझे बहोत याद करता हूं यार
तुमसे मिलने को बहुत दिल करता है,
मानो या ना मानो ...पर तेरा ये आशीक
आज भी तुझी से प्यार करता है ।

हाँ हो गई मुझसे गलतिया कई दफा
आज मे मानता हूं....
तुम तो किसी और की हो सुकी हो , फिर भी तुम्हें
मैं "Love you Forever" आज भी बोलना चाहता हू.

आज भी मैं तेरी यादों में
अपनी रातें गुजारता हूं
मुझे नींद आये ना आये , पर
मन ही मन तुम्हें Good Night जरूर बोलता हू ।

यह कुछ नया नहीं है यार .....
यह तो वो ही है जो तुम मेरे साथ करती थी
सर दर्द के मारे मुझे नींद नहीं आता था
फिर मेरे लिए तुम क्यों अपनी नींद उड़ाती थी ।

तुमसे मुझे कोई शिकायत नहीं है
शायद उस वक़्त मैं नादान था,
इसलिये तुमने किसी और को अपना लिया
फिर भी मैं मानता हूं मैं गलत था।

कुछ भी कहो .... तुम अलग थी
तुम्हारे यादों को मैं भुला नहीं सकता
हो सके तो माफ़ करना मुझे
पर तुम्हें मैं बेवफा नहीं कह सकता।

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