चांद की मोहब्बत में!
चांद की मोहब्बत में!
चांद की मोहब्बत में
अक्सर सितारों को टूटते देखा है।
समुंदर के तूफ़ानों में
अस्कसर साहिलों को शौर करते देखा है।
मोहब्बत एक हसीन एहसास है पर
ना चाहते हुए भी मोहब्बत में
अक्सर आशिकों को बदनाम होते देखा है।
हम वोह सितारों की तरह नहीं
जो तेरी मोहब्बत में टूट जाया करते है
हम तो वोह धरती है
जिसके चारों तरफ चांद घुमा करती है।।
लेखक:मिलीक अहमद।
(सभी अधिकार लेखक द्वारा आरक्षित है। उचित अनुमति के बिना नकल करना एक अपमानजनक कार्य है)


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