अधूरा प्यार
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अधूरा प्यार
-फातिमा
जी रही थी पहले,
जीना है कहकर।
जबसे तुझे महसूस किया,
तबसे ज़िन्दगी मेरी जीने लगी थी।
तुझे ही सोचकर,
मैं पल-पल मुस्कुराने लगी थी।
तू नही था कभी पास मेरे,
फिर भी तू था हर पल साथ मेरे।
मैं थी एक बिन रंग की तित्ली,
तुझको पाकर मैं रंगीन होने लगी थी।


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